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‘अंजाम भुगतना पड़ेगा’…चीन ने डोनाल्ड ट्रंप के दोस्तों को दी धमकी, भारत भी निशाने पर!

US China Trade War : अब चीन ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उसका इशारा साफ था, यूरोपीय यूनियन, जापान, ASEAN देश और यहां तक कि भारत भी उसके रडार पर है.

US China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर अब और भी पेचीदा मोड़ ले रही है. ताज़ा मामला बीजिंग से आया है, जहां चीन ने साफ-साफ बोल दिया है कि अगर कोई देश अमेरिका से ऐसी ट्रेड डील करता है जो चीन के हितों को चोट पहुंचाए, तो जवाब कड़ा मिलेगा.

क्यों गुस्से में है चीन

दरअसल, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अमेरिका अब दूसरे देशों को “लुभा” रहा है, मतलब, अगर वो चीन से अपनी ट्रेड डील घटाएंगे, तो उन्हें टैरिफ में छूट मिलेगी. इसे सुनकर चीन भड़क गया है. चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “अगर ऐसा हुआ तो हम बिलकुल भी चुप नहीं बैठेंगे. ज़रूरी हुआ तो हम भी जवाब देंगे.”

इशारा किन देशों की ओर है?

अब चीन ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उसका इशारा साफ था कि यूरोपीय यूनियन, जापान, ASEAN देश और यहां तक कि भारत भी उसके रडार पर हैं. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका कई देशों पर दबाव बना रहा है कि वे चीन से दूरी बनाएं और बदले में अमेरिका से बाज़ार में एक्सेस पाएं.

चीन ने लगाए आरोप

चीन ने अमेरिका की इस चाल को “हेजेमोनिक पॉलिटिक्स” यानी दबदबे की राजनीति और “यूनिलैटरल बुलीइंग” कहा है. चीन का कहना है कि अमेरिका अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहा है और दूसरे देशों को धमका रहा है.

दबाव में है चीन

चीन पहले से ही अमेरिका के 245 फीसदी तक के टैरिफ झेल रहा है. चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सामानों पर 125 फीसदी तक टैक्स लगा दिया है. लेकिन अब जब चीन की खुद की अर्थव्यवस्था धीमी पड़ रही है और ग्लोबल डिमांड भी कम है, तो बीजिंग और सतर्क हो गया है.

ASEAN देशों की स्थिति क्या है?

बड़ी बात ये है कि ASEAN देश इस मुद्दे पर बहुत संतुलित नजर आ रहे हैं. मलेशिया, जो अभी ASEAN का अध्यक्ष है, ने साफ कहा है, “हम किसी एक को नहीं चुन सकते और ना ही चुनेंगे.” मतलब अमेरिका और चीन के बीच बैलेंस बनाकर चलना है.

भारत क्या करेगा?

अब सबसे बड़ा सवाल भारत को लेकर है. भारत के लिए दोनों देशों के साथ रिश्ते अहम हैं. एक तरफ अमेरिका के साथ टेक्नोलॉजी और डिफेंस में मजबूत सहयोग और दूसरी ओर चीन के साथ बड़ा व्यापारिक संबंध. ऐसे में भारत जैसे देशों के लिए यह एक टाइटरोप वॉक बन गया है, यानी किसे नाराज़ किया जाए और किसे मनाया जाए?

अब आगे क्या होगा?

इस पूरी कहानी से इतना तो साफ है कि ग्लोबल ट्रेड एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है. अमेरिका जहां अपने हित साधने की कोशिश कर रहा है, वहीं चीन अब सीधे धमकी की भाषा पर उतर आया है और बीच में फंसे हैं भारत जैसे देश, जिनकी रणनीति अब सबसे ज्यादा मायने रखेगी.

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